शहीद भगतसिंह महाविद्यालय प्रकृति के मनोहर वातावरण में शहर के शोरगुल से दूर गांव 12 पीएस की जमीन पर गंगनहर की पीएस वितरिका के किनारे रायसिंहनगर से श्री गंगानगर की मुख्य सड़क पर स्थित है |
यह महाविद्यालय रायसिंहनगर तहसील के कर्मठ नागरिकों की मेहनत का फल है जिन्होंने अपना पसीना बहाकर पूरे क्षेत्र में एक-एक रुपया दान इकट्ठा कर इस महाविद्यालय का निर्माण किया और श्रीमती प्रकाश कौर (शहीद-ए-आजम भगतसिंह की बहन ) की अध्यक्षता में श्री केदारनाथ शर्मा मंत्री ( श्रम-यातायात, उपनिवेशन व राजस्थान कैनाल ) के कर-कमलों द्वारा 24 अगस्त 1978 को उद्घाटन किया गया | यह महाविद्यालय इस क्षेत्र के दानवीरों द्वारा दिल खोलकर दिए गए दान से निर्मित हुआ है |
वर्ष 1983-84 में इस महाविद्यालय को राज. सरकार से 60% अनुदान पर लिया गया था तथा सञ् 2002-03 से अनुदान 60% से बढ़ाकर 90% कर दिया गया | पुन: 2009-10 से अनुदान घटाकर 80% कर दिया गया है वह सञ 2011-12 से राज्य सरकार ने अनुदान बंद कर दिया |
इस महाविद्यालय में अध्ययन अध्यापक के क्षेत्र में गौेरवमय इतिहास बनाया है | महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम गुणात्मक एवं संख्यात्मक दोनों दृष्टियों में उत्तम रहे हैं | छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं की योग्यता सूची में स्थान पाया है |
इस महाविद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न खेलकूद प्रतिस्पर्धाओं में विश्वविद्यालय और अन्तर-विश्वविद्यालय स्तर पर भाग लेकर संस्था का नाम ऊँचा करते रहे हैं | महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर वाणिज्य कला संकाय पढ़ाये जा रहे हैं | महाविद्यालय में 600 विद्यार्थी नियमित रुप से अध्ययनरत है |